Coronavirus: यूपी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा बोले, पलायन न करें लोग, जहां हैं, वहीं पहुंचेगी मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील किसी प्रशासक की अपील नहीं थी। यह हमारे-आपके परिवार के किसी बड़े सदस्य की अपील थी कि अपने परिवार के लोगों की भलाई के लिए जो जहां हैं, वहीं रुक जाए। कोरोना वायरस का खतरा बहुत बड़ा है।


यह एक वैश्विक बीमारी बन चुकी है और इसकी वजह से पूरी दुनिया में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। इससे लड़ने का अभी तक कोई अचूक इलाज सामने नहीं आया है। इसका केवल एक ही इलाज है कि लोग एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाये रखें। अपने घरों में सीमित रहें। अगर लोगों का साथ नहीं मिलता है तो इससे लड़ना मुश्किल हो जायेगा।


प्रश्न- लेकिन इसके बाद भी लोगों का पलायन रुका नहीं है। क्या कहेंगे?


हम तो केवल जनता से अपील ही कर सकते हैं। उन्हें केवल यह भरोसा दिला सकते हैं कि वे जहां हैं, वहीं रुके रहें। सरकार उनकी चिंता वहां भी करेगी और उनकी पूरी मदद होगी। हमने दिल्ली, मुंबई, गुजरात और कोलकाता जैसे एक दर्जन जगहों पर जहां भी उत्तर प्रदेश के लोग रोजगार के लिए जाते हैं, वहीं पर हेल्प डेस्क बना दिया है।

रोजाना इन जगहों से स्थिति मांगी जाती है और जरूरत पड़ने पर सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। लोगों को भोजन-पानी और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, इसलिए मेरी भी अपील है कि लोग घबराएं नहीं, सरकार उनके साथ है।


प्रश्न- जो लोग दिल्ली से पैदल ही अपने गांवों के लिए निकल रहे हैं, उनके लिए सरकार क्या करेगी? अगर इन लोगों के माध्यम से गांवों तक कोरोना का संक्रमण फैल जाता है तो सरकार उस स्थिति से कैसे निबटेगी?


हम उनसे भी यही अपील करेंगे कि वे अपने बच्चों के लिए जहां हैं, वहीं रुक जाएं। सरकार जगह-जगह पर स्कूलों में लोगों के भोजन और रहने का इंतजाम कर रही है। घबराएं नहीं। हम सब मिल जुलकर इस समस्या से निबटेंगे।

देखिए, हमें इस सच को स्वीकार करना चाहिए कि अगर इटली जैसे छोटे लेकिन स्वास्थ्य सुविधा से संपन्न देश भी मेडिकल सुविधा के दम पर कोरोना को नहीं रोक पाए तो हमारे लिए यह चुनौती बहुत बड़ी होगी। इससे निबटना बेहद मुश्किल हो जायेगा। 

हमको समझना पड़ेगा कि हम चीन से अपनी तुलना नहीं कर सकते। इससे निबटने का सिर्फ एक ही तरीका है कि लोग एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाये रखें। इसके अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है।

कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में हर भारतवासी को एक सैनिक की तरह युद्ध में उतरना पड़ेगा, खुद को अपने घर तक सीमित रखना होगा, वरना हमारे लिए यह लड़ाई जीतना बहुत मुश्किल हो जायेगा।


प्रश्न- क्या यूपी सरकार के पास इतनी मेडिकल सुविधाएं हैं कि वह थर्ड स्टेज में पहुंचने पर लोगों को इलाज सुविधा उपलब्ध करा पायेगी? वेंटिलेटर्स की स्थिति क्या है?


मैं आपसे यही बात कह रहा हूं कि अगर हमने कोरोना को दूसरे स्टेज में ही रोक लिया तभी ठीक है। अगर यह मामला थर्ड स्टेज में पहुंचेगी, तो हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी। हालांकि गांवों में संक्रमण रोकने के लिए हमने तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था बनाई है।

पहले तो कोई कहीं से बाहर न निकले इसके प्रयास हैं। अगर किसी कारणवश जाता भी है तो जिले में प्रवेश से पहले चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा गांवों तक पहुंचने पर लोग इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को देकर उस व्यक्ति की जांच सुनिश्चित करा रहे हैं। इसके लावा सरकार के स्तर पर भी कोशिशें चल रही हैं।


प्रश्न- सरकार के तौर पर आपने लोगों की मदद के लिए क्या कदम उठाये हैं?


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने त्वरित कदम उठाये हैं। मेडिकल सेवाओं की स्थिति को लगातार सुधारा जा रहा है। राज्य के हर गरीब परिवार को तीन महीने का मुफ्त राशन, पेंशन और अन्य मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

1.65 करोड़ परिवारों तक 20 किलो राशन अलग से पहुंचाया जा रहा है। उज्ज्वला गैस कनेक्शन वाले परिवारों को मुफ्त गैस पहुंचाई जा रही है।

सभी विधायकों-सांसदों ने अपना वेतन दान में दिया है और हर सांसद एक-एक करोड़ रुपये देकर इस लड़ाई में अपनी भूमिका निभा रहा है। रजिस्टर्ड मजदूर हो या नॉन रजिस्टर्ड, सबके परिवार की भूख मिटे, इसके प्रयास किये जा रहे हैं और मदद सीधे लोगों तक पहुंच रही है।

हम हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हम जनता से भी अपील करेंगे कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोग साथ दें, शारीरिक दूरी बनाये रखें और अपने घरों में ही सीमित रहें।